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Kuch Babul, Kuch Semal Si (Kavita Sangrah)

AKA: कुछ बबूल, कुछ सेमल सी (कविता संग्रह)
Author(s): Mala Singh

  • Language:
  • Hindi
  • Genre(s):
  • Poetry
  • ISBN13:
  • 9789355744081
  • ISBN10:
  • 9355744080
  • Format:
  • Ebook
  • Pages:
  • 73
  • Publication date:
  • 12-Jan-2023

Available at

Printed copies available at

मेरी कुछ कविताएं काल्पनिक ना होकर पास पड़ोस, समाज में घट रही असहनीय घटनाओं, जो हथौड़े सी चोट करती हैं दिल- दिमाग में, फिर बेचैन हो मन में भावों के बवंडर उठाती हैं ...बस उसी के प्रतिक्रियास्वरूप शब्दों का रुप धर जन्मती हैं कविता के रुप में, और तब मैं थोडी बोझमुक्त सी होती हूं।

पर कुछ कविताएं, कोमल भावों के बुलबुले की तरह बनती हैं मन में, पल भर में बटोर, सहेज, समेट ना लें तो उड़ जाती हैं तितली बनके।

इस संग्रह में दोनों तरह की कविताएं हैं। कुछ आग सी लपलपाती हैं, मानों सब कुछ स्वाहा करने को तत्पर तो कुछ रेशम की तरह स्निग्धता और गंगाजल सी ठंडक लिए सब शांत कर देती हैं। कुछ आँखे गीली करती हैं तो कुछ तिर्यक मुस्कान बन होठो पर चिपक जाती हैं।

Mala Singh

Mala Singh

माला सिंह का जन्म 1957 में आरा में हुआ और स्कूली शिक्षा वहीं से हुई । स्नातक की डिग्री उन्होंने मगध विश्वविद्यालय से ली।

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